Maa Lakshmi ki Aarti Diwali 2024 in Hindi and English

Arthi
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Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata

Tumko nishdin sevat, Hari Vishnu vidhata

Om Jai Lakshmi Mata


Uma, Rama, Brahmani, tum hi jag-mata

Maiya tum hi jag-mata

Surya-Chandrama dhyavat, Narad rishi gata

Om Jai Lakshmi Mata


Durga roop niranjani, sukh sampatti data

Maiya sukh sampatti data

Jo koi tumko dhyavat, riddhi-siddhi dhan pata

Om Jai Lakshmi Mata


Tum pataal-nivasini, tum hi shubhdata

Maiya tum hi shubhdata

Karma-prabhav-prakashini, bhavnidhi ki trata

Om Jai Lakshmi Mata


Jis ghar mein tum rahti, sab sadgun aata

Maiya sab sadgun aata

Sab sambhav ho jata, man nahi ghabrata

Om Jai Lakshmi Mata


Tum bin yagya na hote, vastra na koi pata

Maiya vastra na koi pata

Khan-pan ka vaibhav, sab tumse aata

Om Jai Lakshmi Mata


Shubh-gun mandir sundar, kshirodadhi-jata

Maiya kshirodadhi-jata

Ratna chaturdash tum bin, koi nahi pata

Om Jai Lakshmi Mata


Mahalakshmi ji ki aarti, jo koi nar gata

Maiya jo koi nar gata

Ur anand samata, paap utar jata

Om Jai Lakshmi Mata


Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata

Tumko nishdin sevat, Hari Vishnu vidhata

Om Jai Lakshmi Mata


मां लक्ष्मी की आरती 

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 

मैया सुख संपत्ति दाता। 

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 

मैया तुम ही शुभदाता। 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 

मैया सब सद्गुण आता।

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 

मैया वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 

मैया क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 

मैया जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।


ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

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